
Shri Ganesh Aarti PDF – हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम को करने से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान श्री गणेश सभी देवताओं में पूजनीय है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना करने से सभी विघ्न-बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती हैं। वहीं उनको विघ्नहर्ता का नाम भी दिया गया है। ऐसी मान्यता है, कि भगवान श्री गणेश की पूजा अर्चना यदि ना की जाए, तो कोई भी कार्य सफल नहीं हो पाता है। धर्म के अनुसार भगवान श्री गणेश को कार्यों को सफल बनाने वाला देवता माना जाता है। यहां आप भगवान श्री गणेश की आरती लिरिक्स के साथ पढ़ सकते है। नित्य करिए श्री गणेशजी की आरती। आप यहां से Shri Ganesh Aarti PDF download कर सकते है।
Shri Ganesh Aarti PDF: सम्पूर्ण गणेश जी की आरती फोटो के साथ
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
कपूर जलाएं और प्रार्थना करें
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
Shri Ganesh Aarti PDF English.
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesg Deva
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva
Ek Dant Daya Want,
Char Bhuuja Dhari
Mathe Sindor Shoye,
Muse Ki Sawari
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesg Deva
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva
Pan Chadhe Phool Chadhe,
Aur Chadhe Mewa
Laduan Ko Bhog Lage,
Sant Kare Sewa
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesg Deva
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva
Andhan Ko Aankh Det,
Kodhin Ko Kaya ।
Bajhan Ko Purta Det,
Nirdhan Ko Maya॥
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesg Deva
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva
‘sur’ Shaam Sharan Aaye,
Safal Ki Jiye Sewa
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesg Deva
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva
Deenan Ki Laaj Rakho,
Shambhu Sutakari
Kamana Ko Poorn Karo,
Jaoon Balihari
Jai Ganesh Jai Ganesh,
Jai Ganesg Deva
Mata Jaki Parwati,
Pita Maha Deva
Burn Kapoor and Pray.
Karpoorgaurm Karunavataram Sansarasaram Bhujgendraharam,
Sada Basantam Hrudayarvinde Bhavam Bhavani Sahitam Namami.
Ganesh Ji Ki Aarti PDF
Ganesh Ji Ki Aarti PDF – आरती आरम्भ करने से पूर्व 3 बार शंख बजाएं। शंख को धीमे स्वर से उच्च स्वर की ओर बजाएं ।
- तदोपरान्त आरती आरम्भ करें।
- आरती के समय एक लय में घण्टी बजाएं और लय का ध्यान रखते हुए आरती गाएं।
- आरती गाते समय शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें।
- आरती के लिए शुद्ध कपास अथार्त रूई से बनी घी की बत्ती का प्रयोग करें ।
- घी या बत्ती उपलब्ध न होने पर कपूर से भी आरती की जाती है।
- बत्तियाें की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्किस रखनी चाहिए।
- आरती संपन्न होने पर जयकारा लगते हुए श्री गणेश जी से मंगलकामना करें।
यहाँ पर समस्त देवताओं की आरती प्रस्तुत कर रहे हैं Ganesh Ji Ki Aarti PDF जिसके प्रभाव से आपके जीवन में आने वाले समस्त क्लेशों का नाश होगा। श्री गणेश जी को समस्त देवों में प्रथम पूज्य मन जाता अहइ अथार्त जब भी किसी प्रकार का जप-तप धर्म-कर्म इत्यादि किये जाते हैं उनके आयोजन से पूर्व श्री गणेश भगवान् का ध्यान व आव्हान करना आवश्यक होता है।