
गणेश जी की आरती Pdf | Ganesh ji ki aarti pdf
Shivji Ki Aarti PDF ( शिवजी आरती ) | Shiv ji Aarti Lyrics: हिंदू धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। भगवान भोलेनाथ को सावन का महीना प्रिय है। इसीलिए इस महीने विधि-विधान शिव जी की पूजा करने से जीवन की तमाम समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए के लिए शिव आरती पीडीएफ (Om jai Shiv Omkara), शिव भजन और शिव मंत्रों का पाठ किया जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी गई है। शिव जी की आरती घी लगी हुई रुई की बत्ती और कपूर से करनी चाहिए। दुनिया भर में भगवान शिव के अनेक भक्त हैं। जो भगवान शिव की भक्ति में रहते हैं उनकी पूजा अर्चना करते हैं। उनको संसार का सम्पर्ण सुख की प्राप्ति होती है। ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं )
Shivji Ki Aarti ( शिवजी आरती )
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥
त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥
Shiv ji ki Aarti Pdf | शिव जी की आरती पीडीएफ
Shivji Ki Aarti PDF – आरती आरम्भ करने से पूर्व 3 बार शंख बजाएं। शंख को धीमे स्वर से उच्च स्वर की ओर बजाएं ।
- तदोपरान्त आरती आरम्भ करें।
- आरती के समय एक लय में घण्टी बजाएं और लय का ध्यान रखते हुए आरती गाएं।
- आरती गाते समय शब्दों का शुद्ध उच्चारण करें।
- आरती के लिए शुद्ध कपास अथार्त रूई से बनी घी की बत्ती का प्रयोग करें ।
- घी या बत्ती उपलब्ध न होने पर कपूर से भी आरती की जाती है।
- बत्तियाें की संख्या एक, पांच, नौ, ग्यारह या इक्किस रखनी चाहिए।
- आरती संपन्न होने पर जयकारा लगते हुए श्री गणेश जी से मंगलकामना करें।
यहाँ पर समस्त देवताओं की आरती प्रस्तुत कर रहे हैं Shiv ji ki Aarti Pdf जिसके प्रभाव से आपके जीवन में आने वाले समस्त क्लेशों का नाश होगा। श्री गणेश जी को समस्त देवों में प्रथम पूज्य मन जाता अहइ अथार्त जब भी किसी प्रकार का जप-तप धर्म-कर्म इत्यादि किये जाते हैं उनके आयोजन से पूर्व शिव जी भगवान् का ध्यान व आव्हान करना आवश्यक होता है।
Shivji Aarti को शांत मन के साथ, अपने आप को प्रभु के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें ( शेयर करने के लिए बटन नीचे अंत में दिए गए हैं। )
दोस्तों जैसा कि आज हमने आप लोगों को इस लेख के माध्यम गणेश जी की आरती Pdf के बारे में बताया इसके अलावा गणेश जी की आरती का pdf डाउनलोड लिंक भी दे दिया है इसके अलावा गणेश जी की आरती करने की संपूर्ण विधि और उसके लाभ क्या है उसके बारे में भी जानकारी दी है.
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