संज्ञा (Noun) के भेद परिभाषा, प्रकार और उदाहरण in Hindi

संज्ञा का शाब्दिक अर्थ- सम+ज्ञा अर्थात् सम्यक् ज्ञान कराने वाला।
परिभाषा- संज्ञा को ‘नाम’ भी कहा जाता है। किसी व्यक्ति,वस्तु, स्थान प्राणी, अवस्था ,गुण या भाव के नाम का बोध कराने वाले शब्दों को संज्ञा कहते हैं।
व्यक्ति – राम, महेश, मोहन, सिता आदि।
स्थान – दिल्ली, मुंबई,जयपुर, अमेरिका, जर्मनी,रांची,पटना, बिहार,जापान,बांग्लादेश आदि।
वस्तु – कुर्सी, किताब,घड़ी,सुई,सोफा,बेड,बर्तन,खिड़की,गाड़ी,पुस्तक आदि।
भाव – सौंदर्य, मिठास,वीरता, गर्मी, जवानी, बुढ़ापा, बचपन, लंबाई, चौड़ाई,सुगंध आदि।
संज्ञा के भेद-
1.व्यक्तिवाचक संज्ञा
2.जातिवाचक संज्ञा
3.भाववाचक संज्ञा
नोट – संज्ञा को परम्परागत रूप से (प्राचीन मान्यताओं के आधार पर) पाँच प्रकारों में और आधुनिक मान्यताओं के आधार पर तीन प्रकारों में बाँटा गया है।
1. समूहवाचक संज्ञा
2. द्रव्यवाचक संज्ञा
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper noun)- जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, स्थान या वस्तु के नाम का पता चले वे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
जैसे– राम (व्यक्ति विशेष),जयपुर (स्थान विशेष),टाटा चाय (वस्तु विशेष)
व्यक्ति का नाम – गीता,सिता,मिरा,रिया,रमेश,राम, श्याम आदि।
स्थान का नाम – जयपुर, दिल्ली, मुबंई, ताजमहल आदि।
वस्तु का नाम – गीता, कार, बस, घड़ी, पुस्तक, आदि।
दिशाओं के नाम- उत्तर, पश्चिम, पूर्व, दक्षिण
देश के नाम- भारत चीन अमेरिका ब्रिटेन अफगानिस्तान आदि।
राष्ट्रीय जातियों के नाम- भारतीय,अमेरिकी आदि।
नदियों के नाम- गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कावेरी, सिंधु, सोन आदि।
पर्वतों के नाम- हिमालय, अरावली, विंध्याचल, काराकोरम आदि।
महीनों व दिनों के नाम- जनवरी, फरवरी,मार्च, रविवार, मंगलवार आदि।
त्योहारों व उत्सव के नाम– दीपावली, होली, रक्षाबंधन, भैया दूज आदि।
ऐतिहासिक घटनाओं के नाम– 1857 की क्रांति, पानीपत का युद्ध,हल्दी घाटी का युद्ध आदि।
समुंद्र के नाम- हिंद महासागर
नोट-व्यक्तिवाचक संज्ञा एकवचन में प्रयुक्त होती है।
2.जातिवाचक संज्ञा – किसी वर्ग या समूह का बोध कराने वाले शब्दो को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता हैै।
जैसे- मूजदूर, नदी, लेखक, पहाड़ आदि।
‘लड़का’ से रमेश, रवि, सोनू, महेश आदि सभी ‘लड़कों’ का बोध होता है।
‘नदी’ से यमुना,माही, गंगा, सिंधु, ब्रह्मपुत्र आदि सभी नदियों का बोध होता है।
‘वस्तु’से मकान कुर्सी, पुस्तक, कलम, घड़ी आदि का बोध होता है।
‘पहाड़’ कहने से संसार के सभी पहाड़ों का बोध होता है।
‘मनुष्य’ कहने से संसार की मनुष्य जाति का बोध होता है।
‘पशु पक्षी’से भैंस, गाय, घोड़ा, कुत्ता, बिल्ली आदि सभी जाति का बोध होता है।
जातिवाचक संज्ञा के उपभेद-
(i). समूहवाचक संज्ञा
(ii). द्रव्यवाचक संज्ञा
(i). समूहवाचक/समुदाय वाचक – जिस संज्ञा शब्दों से समूह होने का बोध होता हो, उन्हें समूह वाचक संज्ञा कहा जाता है।
जैसे – परिवार,सेना,विद्यालय,टोली, झुंड, भीड़, सभा, दल, समिति आदि समूहवाचक संज्ञा शब्द है।
Q:) समूहवाचक संज्ञा कौन से वचन में प्रयुक्त होती है?
(A) एकवचन में
(B) बहुवचन में
उत्तर- एकवचन में प्रयुक्त होती हैं।
(ii). द्रव्यवाचक संज्ञा – जिन संज्ञा शब्दों से नाप-तोल संबंधित वस्तुओं का बोध होता है, उन्हे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- सोना, चांदी, तांबा, लोहा, दूध, दही आदि द्रव्यवाचक संज्ञा शब्द है।
नोट – द्रव्यवाचक संज्ञा एकवचन में प्रयुक्त होते हैं तथा वह गणनीय होते हैं।
3. भाववाचक संज्ञा – किसी वस्तु व्यक्ति प्राणी या पदार्थ आदि के गुण दोष स्वभाव अवस्था दशा व्यापार भाव आदि का बोध कराने वाले संज्ञा शब्दों को भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे- मोटापा, मधुरता, बुढ़ापा, सुंदरता, ईमानदारी, बचपन, उत्साह, बेचैनी, लंबाई, चौड़ाई, अमीरी, गरीबी आदि भाववाचक संज्ञाएं है।
भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण –
भाववाचक संज्ञा का निर्माण जातीवाचक संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण और अव्यय शब्दों से बनती है भाववाचक संज्ञा बनाते समय शब्दों के अंत में प्राय त्व,पन,ता आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
भाववाचक संज्ञाएँ बनाना:-
भाववाचक संज्ञाएँ निम्नलिखित पाँच प्रकार के शब्दों से बनाई जाती हैं
(i) जातिवाचक संज्ञाओं से
(ii) सर्वनामों से
(iii) विशेषणों से
(iv) क्रियाओं से
(v) अव्ययों से
(i) जातिवाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना :
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
बूढ़ा | बुढ़ापा |
बच्चा | बचपन |
भाई | भाईचारा |
मनुष्य | मनुष्यता |
सज्जन | सज्जनता |
दुष्ट | दुष्टता |
युवक | यौवन |
दास | दासता |
साधु | साधुता |
पंडित | पांडित्य |
जातिवाचक संज्ञा | भाववाचक संज्ञा |
वीर | वीरता |
कवि | कवित्व |
व्यक्ति | व्यक्तित्व |
मित्र | मित्रता |
शत्रु | शत्रुता |
लुटेरा | लूट |
शिशु | शिशुता |
प्रभु | प्रभुता |
विद्वान | विद्वत्ता |
वकील | वकालत |
(ii) सर्वनामों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना :
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
मम | ममता |
सर्व | सर्वस्व |
आप | आपा |
सर्वनाम | भाववाचक संज्ञा |
निज | निजता |
अपना | अपनापन |
पराया | परायापन |
(iii) विशेषणों से भाववाचक संज्ञाएँ बनाना :
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
प्यासा | प्यास |
लोभी | लोभ |
सम | समानता |
विषम | विषमता |
आलसी | आलस्य |
युवा | यौवन |
साफ़ | सफाई |
पापी | पाप |
हरा | हरियाली |
लम्बा | लम्बाई |
स्वस्थ | स्वास्थ्य |
विशेषण | भाववाचक संज्ञा |
सुन्दर | सुन्दरता |
ठंडा | ठंडक |
राष्ट्रीय | राष्ट्रीयता |
खट्टा | खटास |
निर्बल | निर्बलता |
चतुर | चतुरता |
बुरा | बुराई |
मधुर | मधुरता |
हीन | हीनता |
कायर | कायरता |
भयानक | भय |
(iv) क्रियाओं से भाव वाचक संज्ञाएँ बनाना :
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
जीना | जीवन |
थकना | थकावट |
जलना | जलन |
जागना | जाग |
गिरना | गिरावट |
लिखना | लिखावट |
बचाना | बचाव |
सजाना | सजावट |
चलना | चाल |
खेलना | खेल |
मारना | मार |
हँसना | हँसी |
देखना | दिखावा |
लगना | लगाव |
क्रिया | भाववाचक संज्ञा |
दौड़ना | दौड़ |
मिलना | मिलाप |
मरना | मरण |
सुनना | सुनवाई |
सहज | सहजता |
सिलना | सिलाई |
माँगना | माँग |
पूजना | पूजा |
उड़ना | उड़ाना |
चुनना | चुनाव |
खोजना | खोज |
कहना | कहावत |
बैठना | बैठक |
बहना | बहाव |