1773 Ka Regulating Act – इस आर्टिक्ल में हम 1773 Ka Regulating Act के बारे में पढ़ेंगे। Regulating Act को भारत में क्यों लाया गया, इसके उद्देश्य, Regulating Act के दोष तथा इसकी विशेषता के बारे में चर्चा।
Regulating Act ब्रिटिश सरकार द्वारा पारित महत्वपूर्ण कानून था, जिसका उदेश्य ब्रिटिश भारत के प्रशासन में सुधार करना था। यह अधिनियम एक गवर्नर-जनरल के तहत बंगाल, बॉम्बे और मद्रास के तीन प्रेसीडेंसी के प्रशासन को केंद्रीकृत करने की दिशा में पहला कदम था।
- भारत में ईस्ट इण्डिया कंपनी के कार्यो को नियमित और नियत्रित करने की दिशा में ब्रिटिश सरकार द्वारा उठाया गया। यह पहला कदम था।
- कंपनी के शासन पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया।
- इसके द्वारा कंपनी के प्रशासनिक और राजनैतिक कार्यों को मान्यता मिली।
- इसके द्वारा भरम में केंद्रीय प्रशासन की नींव रखी गयी।
भारत में Regulating Act क्यों लाया गया
- व्यापार एकाधिकार के बदले ईस्ट इण्डिया कंपनी ब्रिटिश सरकार को भुगतान करती थी।
- 1768 के बाद कंपनी की वित्तीय स्थिति ख़राब हो गयी थी।
- कंपनी की स्थिति में सुधार करने के लिए यह एक्ट लाया गया था।
- तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री लॉर्ड नॉर्थ द्वारा गोपनीय समिति ( Secret Comittee ) की सिफारिश पर 1773 ईस्वी में रेग्युलेंटिग एक्ट पारित किया गया।
कंपनी की स्थिति ख़राब क्यों हुई
- कंपनी के कर्मचारियों के बीच बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार।
- अत्यधिक राजस्व संग्रह और किसानों का उत्पीड़न।
- पहला एंग्लो मैसूर युध्दा के कारण
- कंपनी का दिवाला, जबकि इसके अधिकारी फल-फूल रहे थे।
- चाय व्यापर में नुकसान।