समुच्चयबोधक भी एक अविकारी शब्द है। समुच्चयबोधक को ‘योजक ‘ भी कहा जाता है। योजक शब्द का अर्थ होता है – जोड़ने वाला।
“अर्थात समुच्चयबोधक अव्यय शब्दों , वाक्यों या वाक्यांशों को आपस में जोड़ता है “
परिभाषा- वे अविकारी शब्द जो दो शब्दों, वाक्यों या वाक्यांशों को आपस में जोड़ने का काम करता है ,समुच्चयबोधक कहलाते है।
जैसे-
► रोहन और राधा पढ़ रहे है।
► राधा स्कूल नहीं गयी क्योंकि वह बीमार है।
►तुम अमीर हो परन्तु रहमदिल नहीं हो।
( उपर्युक्त वाक्यों में और , क्योंकि , परंतु शब्द वाक्यों को आपस में जोड़ रहे हैं ; अत : ये समुच्चयबोधक अव्यय है। )
समुच्चयबोधक के भेद ( Kinds of Conjunctions )
समुच्चबोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं
( 1 ) समानाधिकरण समुच्चयबोधक तथा
( 2 ) व्यधिकरण समुच्चयबोधक ।
( 1 ) समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय –वे अव्यय शब्द जो दो स्वतंत्र वाक्यों या वाक्यांशों को आपस में जोड़ते है, समानाधिकरण समुच्चयबोधक शब्द कहलाते है।
जैसे –
► आज आंधी चलेगी या बरसात होगी।
► भारतीयों को अपने देश, सभ्यता और संस्कृति पर गर्व है।
समानाधिकरण समुच्चयबोधक के चार भेद हैं –
( क ) संयोजक : और , तथा , अर्थात् , एवं , जोकि शब्द संयोजक होते हैं।
( ख ) विकल्पबोधक : या , अथवा , चाहे , अन्यथा , व शब्द विकल्पबोधक होते हैं।
( ग ) विरोधबोधक : किंतु , परंतु , लेकिन , मगर , पर , अपितु और बल्कि शब्द विरोधबोधक होते हैं।
( घ ) परिणामबोधक : इसलिए , ताकि , अत :, नहीं तो आदि शब्द परिणामबोधक होते हैं।
( 2 ) व्यधिकरण समुच्चयबोधक – वे अव्यय शब्द जो एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्यों को आपस में जोड़ते है, व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहलाते है।
जैसे-
► वह सत्यवादी है अर्थात सत्य बोलता है।
► वह रहमदिल है इसलिए सब की मदद करता है।
► हमने सोचा की यह बहुत अच्छा है।
चूँकि , क्योंकि , कि , ताकि , अर्थात् , जिससे कि , यानी , मानो , तथापि , यद्यपि , यदि , तो , चाहो , इसलिए आदि शब्द व्यधिकरण समुच्चयबोधक शब्द होते हैं ।
कुछ प्रमुख समुच्चयबोधक ( Some Important Conjunction )
और, इसलिए, या, फिर, मगर, तो, क्योंकि , जिससे, एवं, कि, बल्कि, ताकि, अन्यथा, जैसे, अथवा, पर, अर्थात् , परन्तु, मानो, अतः, नहीं तो तथा, किंतु, तथापि आदि शब्द व्यधिकरण समुच्चयबोधक शब्द है।